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Sunday, 24 February 2013

मैंने गंगा में फूल बहाये, ओ बन्नी रानी तेरे लिए

मैंने गंगा में फूल बहाये, ओ बन्नी रानी तेरे लिए 

सिर बन्नी के टीका सोहे
बिंदिया पे रतन जड़े, ओ बन्नी रानी तेरे लिए ||1||

कान बन्नी के झुमका सोहे,
नथनी पे रतन जड़े, ओ बन्नी रानी तेरे लिए ||2||

गले बन्नी के हरवा सोहे,
माला पे रतन जड़े, ओ बन्नी रानी तेरे लिए ||3||

हाथ बन्नी के चूड़ी सोहे,
मेहंदी पे रतन जड़े, ओ बन्नी रानी तेरे लिए ||4||

कमर बन्नी के तगड़ी सोहे,
गुच्छा पे रतन जड़े, ओ बन्नी रानी तेरे लिए ||5||

पैर बन्नी के पायल सोहे,
महावर पे रतन जड़े, ओ बन्नी रानी तेरे लिए ||6||

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