बाबुल का घर छोड़ के बेटी पिया के घर चली
ये कैसी घड़ी आई है मिलन है जुदाई है |
बचपन के वो खेल खिलौने छोड़ के सब जाएगी
वो राजा रानी की कहानी याद बहुत आएगी
रोकर भी ममता की कीमत कैसे चूका पायेगी
बाबुल का घर छोड़ के बेटी पिया के घर चली
ये कैसी घड़ी आई है मिलन है जुदाई है || 1 ||
मायका है दो दिन का बसेरा कौन यहाँ रह पाए
बिन बेटी का बाप भी देखो बेटी का ब्याह रचाए
रोके रुके न आंसू की धारा आँख छलकती जाए
बाबुल का घर छोड़ के बेटी पिया के घर चली
ये कैसी घड़ी आई है मिलन है जुदाई है || 2 ||
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