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Sunday, 24 February 2013

बन्नो की मेहंदी बहुत रचनी

बन्नो की मेहंदी बहुत रचनी 

मेरा ससुरा पूछे रात 
छोटी कहाँ रचाए हाथ 
मैं तो गयी जागरण रात 
मैंने वहीँ रचाए हाथ      || 1 ||

मेरा जेठ पूछे रात 
छोटी कहाँ रचाए हाथ 
मैं तो गयी जागरण रात 
मैंने वहीँ रचाए हाथ      || 2 ||

मेरा देवर पूछे रात 
भाभी कहाँ रचाए हाथ 
मैं तो गयी जागरण रात 
मैंने वहीँ रचाए हाथ      || 3 ||

मेरा नंदोई पूछे रात 
भाभी कहाँ रचाए हाथ 
मैं तो गयी जागरण रात 
मैंने वहीँ रचाए हाथ      || 4 ||

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