जंगल में मंगल हो रही रे मेरी प्यारी बन्नो
सिर बन्नो के टीका सोहे
बिंदिया पे झिलमिल हो रही रे
मेरी प्यारी बन्नो || 1 ||
कान बन्नो के झुमका सोहे
नथनी पे झिलमिल हो रही रे
मेरी प्यारी बन्नो || 2 ||
गले बन्नो के हरवा सोहे
माला पे झिलमिल हो रही रे
मेरी प्यारी बन्नो || 3 ||
हाथ बन्नो के चूड़ी सोहे
मेहंदी पे झिलमिल हो रही रे
मेरी प्यारी बन्नो || 4 ||
कमर बन्नो के तगड़ी सोहे
गुच्छे पे झिलमिल हो रही रे
मेरी प्यारी बन्नो || 5 ||
पैर बन्नो के पायल सोहे
महावर पे झिलमिल हो रही रे
मेरी प्यारी बन्नो || 6 ||
No comments:
Post a Comment