सब्जी मंडी हवा चले, ठंडी चले
बन्नी रे अटरिया सूनी पड़ी
कैसे आऊं बाहर मेरे बाबा जी खड़े हैं
पायलिया उतार ले लम्बा घूंघट मार ले
चली आ बन्नी रे अटरिया सूनी पड़ी || 1 ||
कैसे आऊं बाहर मेरे पापा जी खड़े हैं
पायलिया उतार ले लम्बा घूंघट मार ले
चली आ बन्नी रे अटरिया सूनी पड़ी || 2 ||
कैसे आऊं बाहर मेरे चाचा जी खड़े हैं
पायलिया उतार ले लम्बा घूंघट मार ले
चली आ बन्नी रे अटरिया सूनी पड़ी || 3 ||
कैसे आऊं बाहर मेरे मामा जी खड़े हैं
पायलिया उतार ले लम्बा घूंघट मार ले
चली आ बन्नी रे अटरिया सूनी पड़ी || 4 ||
कैसे आऊं बाहर मेरे जीजा जी खड़े हैं
पायलिया उतार ले लम्बा घूंघट मार ले
चली आ बन्नी रे अटरिया सूनी पड़ी || 5 ||
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